दिल्ली हाईकोर्ट में 13 दिसंबर 2023 को संसद सुरक्षा में हुई चूक मामले में पुलिस ने बड़ा दावा किया है। दिल्ली पुलिस ने आरोपित नीलम आज़ाद की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दलील दी कि आरोपित 2001 के संसद हमले की भयानक यादों को ताजा करना चाहता था।
उन्होंने जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यानाथन शंकर की बेंच के समक्ष दाखिल किए गए हलफनामे में ये भी बताया कि ये लोग एक सुनियोजित आतंकी हमले की साजिश रच रहे थे, जिसकी प्लानिंग कई साल से की जा रही थी। पुलिस ने बताया, “आरोपित मनोरंजन डी ने आरोपित नीलम को दिए बयान में कहा कि जो नया संसद भवन में करने जा रहे हैं। उससे पुराने संसद भवन की भयावह यादें ताजा हो जाएँगी।”
पुलिस ने कोर्ट से कहा कि आरोपित नीलम आजाद की जमानत याचिका तकनीकी आधार पर भी खारिज की जानी चाहिए। क्योंकि यह निर्धारित समयसीमा से 142 दिन बाद दायर की गई है। अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि आजाद देश की संप्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुँचाने की साजिश में शामिल थी।
बता दें कि 13 दिसंबर 2023 को संसद में सागर शर्मा और मनोरंजन डी संसद की दीर्घा से कूदकर लोकसभा कक्ष में चले गए थे और पीले रंग की गैस छोड़ नारेबाजी की थी। इसी के बाद सुरक्षाकर्मियों ने आरोपितों को गिरफ्तार किया था और पूछताछ में खुलासे हुए थे।