पाकिस्तान ने लगभग भीख माँगते हुए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से कर्ज माँगा। जब वहाँ के प्रधानमंत्री ने गिड़गिड़ाते यह कहा कि आखिरी बार माँग रहा हूँ… तब जाकर IMF ने 25 सितंबर 2024 को 7 बिलियन डॉलर (5,85,91,68,00,000 भारतीय रुपए) का कर्ज देने पर सहमति जताई।
#PM Shehbaz expresses satisfaction over the approval of a $7 billion package by the #IMF for #Pakistan.
— SAMAA TV (@SAMAATV) September 26, 2024
Grateful to friendly countries, especially Saudi Arabia, China, and the UAE, for their support.
"Economic reforms are moving forward by Allah's grace," he added#SamaaTV pic.twitter.com/ZY5i7ItHa1
विकास के बजाय आतंक को बढ़ावा और दशकों के कुप्रबंधन के कारण साल 2023 में पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर आ गया था। इसको आम आदमी की भाषा में ऐसे समझ सकते हैं कि 24 करोड़ जनसंख्या वाले देश में सिर्फ 52 लाख लोग ही वहाँ इनकम टैक्स देने लायक कमाई कर पाते हैं।
पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था का अंदाजा वहाँ के लोगों के सोना खरीदने और उसकी कीमत से भी लगा सकते हैं। एक तोला सोने की कीमत वहाँ 2,75,500 पाकिस्तानी रुपए तक पहुँच गई है, जो अब तक की सर्वाधिक कीमत है। 10 तोला का आभूषण खरीदने वाले अमीर लोग भी अब 2/3 तोला ही खरीद पा रहे हैं।