भारत ने शुक्रवार (13 जून 2025) को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के उस बयान से दूरी बना ली, जिसमें इजरायल के ईरान पर सैन्य हमलों की निंदा की गई थी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत इस चर्चा में शामिल नहीं हुआ और उसने पहले ही अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी थी।
भारत का मानना है कि तनाव कम करने के लिए बातचीत और कूटनीति जरूरी है। विदेश मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी शांति के लिए प्रयास करने की अपील की। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ईरानी और इजरायली समकक्षों से बात की और दोनों से संयम बरतने को कहा।
SCO के अन्य सदस्य देशों जैसे चीन, रूस, ईरान और पाकिस्तान ने इजरायल के ऑपरेशन ‘राइजिंग लायन‘ को अंतरराष्ट्रीय कानून और ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन बताया। इस ऑपरेशन में इजरायल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों, खासकर नातानज़ परमाणु केंद्र को निशाना बनाया था।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पीएम नरेंद्र मोदी से फोन पर बात कर ऑपरेशन के उद्देश्य समझाए। पीएम मोदी ने क्षेत्र में शांति और स्थिरता की जरूरत पर बल दिया। भारत की यह कूटनीतिक रणनीति वैश्विक मंच पर उसकी तटस्थ और शांतिपूर्ण भूमिका को दर्शाती है।