भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। टेरिटोरियल आर्मी को सक्रिय भूमिका देने का निर्णय हुआ है। सरकार ने 1948 के नियम 33 के तहत सेना प्रमुख को टेरिटोरियल आर्मी की मदद लेने की इजाजत दे दी है। इससे भारतीय सेना को और ताकत मिलेगी। टेरिटोरियल आर्मी (प्रादेशिक सेना) को सेना की सेकंड लाइन (दूसरी पंक्ति) कहा जाता है, जो जरूरत पड़ने पर नियमित सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करती है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 32 पैदल बटालियनों में से 14 को तुरंत ड्यूटी पर लगाया जाएगा। ये बटालियन उत्तरी, दक्षिणी, पूर्वी, पश्चिमी और अन्य कमांड क्षेत्रों में तैनात होंगी। ये 14 बटालियन भारतीय सेना की विभिन्न कमांडों जैसे दक्षिणी कमान, उत्तरी कमान, पूर्वी कमान, पश्चिमी कमान, मध्य कमान, दक्षिण-पश्चिमी कमान, अंडमान और निकोबार कमान और सेना प्रशिक्षण कमान (ARTRAC) के क्षेत्रों में तैनात की जाएँगी।
बता दें कि टेरिटोरियल आर्मी में स्वयंसेवक होते हैं, जो राष्ट्रीय आपातकाल या युद्ध जैसे हालात में प्रशिक्षण लेकर देश की सुरक्षा में योगदान देते हैं। इस कदम से भारत की सुरक्षा तैयारियाँ और मजबूत होंगी। पहले भी महेंद्र सिंह धोनी, सचिन तेंदुलकर, कपिल देव, मलयालम सुपरस्टार मोहनलाल जैसे लोग इस आर्मी का हिस्सा रह चुके हैं।