ईरान ने अमेरिका के साथ अपने परमाणु कार्यक्रम पर चल रही बातचीत को अब ‘बेकार’ बता दिया है। कारण ये है कि इज़राइल का ईरान पर अब तक का सबसे बड़ा हमला, जिसे तेहरान ने अमेरिका की मंज़ूरी से हुआ बताया है।
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “अगर आप एक ओर बातचीत की बात करते हैं और दूसरी ओर इज़राइल को हमला करने देते हैं, तो इसका कोई मतलब नहीं”
तेहरान का दावा है कि अमेरिका ने इज़राइल को हमला करने की छूट दी और इस पूरी प्रक्रिया को प्रभावित किया। हालाँकि, अमेरिका ने इन आरोपों से इनकार किया है और ईरान से बातचीत में लौटने की अपील की है।
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने दो महीने पहले ईरान को 60 दिन का अल्टीमेटम दिया था।
I gave Iran chance after chance to make a deal. I told them, in the strongest of words, to “just do it,” but no matter how hard they tried, no matter how close they got, they just couldn’t get it done. I told them it would be much worse than anything they know, anticipated, or…
— Trump Truth Social Posts On X (@TrumpTruthOnX) June 13, 2025
इस बढ़ते तनाव के बीच रविवार (15 जून 2025) को मस्कट में प्रस्तावित छठे दौर की वार्ता अब अधर में लटक गई है। ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है, लेकिन इज़राइल इस पर भरोसा नहीं करता।