जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने शुक्रवार (21 मार्च) को मुस्लिमों से कहा कि वे नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू और चिराग पासवान जैसे नेताओं के इफ्तार एवं अन्य कार्यक्रमों का बहिष्कार करें। उन्होंने कहा कि ये नेता खुद को सेक्युलर कहते हैं और मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार और अन्याय पर चुप रहकर मौजूदा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार का हिस्सा बने हुए हैं।
सांकेतिक विरोध के रूप में, खुद को सेक्युलर कहने वाले नीतीश कुमार, नायडू और चिराग पासवान जैसे नेताओं की इफ्तार, ईद मिलन और अन्य आयोजनों में शामिल नहीं होगी जमीयत उलमा-ए-हिंद। ये लोग सत्ता के लिए मुसलमानों पर हो रहे अन्याय और अत्याचार पर चुप्पी साधे हुए हैं और देश के संविधान के…
— Arshad Madani (@ArshadMadani007) March 21, 2025
मदनी ने कहा कि नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू और चिराग पासवान जैसे नेता सत्ता के लालच में मुस्लिमों के खिलाफ भाजपा का साथ दे रहे हैं। ये केवल मुस्लिम वोट के लिए सेक्युलरिज्म का दिखावा करते हैं और सत्ता में आने के बाद मुस्लिम समुदाय के मुद्दों को पूरी तरह भुला देते हैं। मदनी ने कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक के प्रति उनके रवैए ने उनके तथाकथित धर्मनिरपेक्ष चेहरे से नकाब हटा दिया है।
मदनी ने देश के सभी मुस्लिम संगठनों से अपील की है कि वे इफ्तार पार्टी हो या ईद मिलन, वे इन नेताओं से दूरी बनाकर इसका सांकेतिक विरोध करें। उन्होंने आरोप लगाया कि देश में इस समय नफरत और अन्याय का माहौल पनप रहा है और ये नेता चुप हैं। उनका कहना है कि इन नेताओं की चुप्पी उनके दोहरे चरित्र को उजागर करती है।