केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया है कि जम्मू-कश्मीर मास मूवमेंट ने ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (APHC) से खुद को अलग कर लिया है। इस फैसले के साथ अब तक कुल 12 संगठन हुर्रियत से अलग होकर भारत के संविधान पर विश्वास जता चुके हैं।
Under the Modi govt the spirit of unity rules J&K.
— Amit Shah (@AmitShah) April 11, 2025
Another Hurriyat affiliate organization, Jammu and Kashmir Mass Movement, has rejected separatism, declaring complete commitment to the unity of Bharat. I sincerely welcome their move. Till now as many as 12 Hurriyat-linked…
अमित शाह ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि यह जम्मू-कश्मीर में एकता और शांति की दिशा में एक अहम पहल है। हुर्रियत की स्थापना 1993 में 26 संगठनों के समूह के रूप में हुई थी, जो कश्मीर को भारत से अलग मानते थे। परंतु अब जम्मू-कश्मीर मास मूवमेंट ने स्पष्ट रूप से अलगाववाद को खारिज कर भारत की अखंडता के प्रति अपनी निष्ठा जताई है।
यह घटनाक्रम 9 अप्रैल को तीन अन्य संगठनों, जम्मू-कश्मीर इस्लामिक पॉलिटिकल पार्टी, मुस्लिम डेमोक्रेटिक लीग और कश्मीर फ्रीडम फ्रंट के हुर्रियत से अलग होने के दो दिन बाद सामने आया है। इससे पहले भी 25 मार्च से लेकर अप्रैल के पहले सप्ताह तक कई संगठनों ने इसी तरह की घोषणाएँ की हैं।
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार के नेतृत्व में घाटी में देशभक्ति की भावना और विश्वास लगातार मजबूत हो रहा है।