अजरबैजान की जूडो खिलाड़ी शाहाना हाजीयेवा ने नेत्रहीन होने का दावा किया था और टोक्यो 2020 पैराओलंपिक में नेत्रहीन खिलाड़ियों की श्रेणी (जे2) में स्वर्ण पदक भी जीता था। लेकिन अब पता चला है कि वह पूरी तरह से देख सकती थीं। इस खुलासे के बाद उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया है।
मंगलवार (13 मई 2025) को स्पुतनिक अजरबैजान रेडियो ने बताया कि हाजीयेवा जे2 श्रेणी के लिए जरूरी मेडिकल जाँच में फेल हो गईं, क्योंकि उनमें कोई भी दृष्टि संबंधी समस्या नहीं पाई गई।
Normal Azeri news story time:
— Russians With Attitude (@RWApodcast) May 15, 2025
Paralympic judo champ Shahana Hajieva has been banned for life — turns out she was never blind.
She fought visually impaired athletes for years with perfect vision, thanks to forged papers by Azeri officials.
Still managed to lose sometimes. pic.twitter.com/W93lJYMWS3
अजरबैजान पैराओलंपिक समिति ने उनका बचाव करने की कोशिश भी की है। समिति के अनुसार, पहले पैरा जूडो प्रतियोगिताएँ B1, B2 और B3 वर्ग में होती थीं, लेकिन 2024 में नियमों में बदलाव के बाद इन्हें जे1 और जे2 में मिला दिया गया। इस बदलाव के कारण जे2 श्रेणी में खेलने के लिए कुछ खिलाड़ियों को अयोग्य घोषित कर दिया गया। हाजीयेवा ही ऐसी खिलाड़ी है, जिस पर आजीवन प्रतिबंध लगाया गया है।