Wednesday, May 7, 2025

जज के घर से कैश मिला था या नहीं? अब जाँच समिति की रिपोर्ट ने भी कर दी पुष्टि, अब देना पड़ेगा इस्तीफा या चलेगा महाभियोग

दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ बेहिसाब नकदी मामले में जाँच कर रही तीन सदस्यीय आंतरिक समिति ने उन्हें दोषी ठहराया है। यह समिति 22 मार्च 2025 को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना द्वारा गठित की गई थी।

समिति में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जीएस संधावालिया और कर्नाटक हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति अनु शिवरामन शामिल थीं। समिति ने 4 मई को अपनी रिपोर्ट मुख्य न्यायाधीश को सौंपी, जिसमें उन्होंने न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों को विश्वसनीय माना।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यदि जस्टिस वर्मा इस्तीफा नहीं देते, तो उनके खिलाफ महाभियोग चलाने की सिफारिश राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को की जाएगी। यह मामला 14 मार्च, 2025 को होली के दिन सामने आया था, जब जस्टिस वर्मा के दिल्ली स्थित आवास पर आग लगने के बाद जली हुई नकदी के ढेर मिले थे।

वायरल हुए वीडियो में आधे जले नोट दिखाई दिए। जस्टिस वर्मा ने खुद को इस मामले से अलग बताते हुए कहा था कि घटना के दिन वे भोपाल में मौजूद थे।