Wednesday, February 26, 2025

लाडले मशक दरगाह में स्थित शिवलिंग की होगी पूजा, कर्नाटक हाई कोर्ट ने दी इजाजत: कट्टरपंथी मुस्लिमों ने पेशाब और मल फेंक कर दिया था अपवित्र

कर्नाटक हाई कोर्ट ने अलंद कस्बे के सूफी संत लाडले मशक दरगाह के विवादित परिसर में स्थित राघव चैतन्य शिवलिंग की पूजा की अनुमति दे दी है। कलबुर्गी जिला आयुक्त फवज़िया तरन्नुम ने 25 फरवरी की रात 11 बजे से 27 फरवरी की सुबह 6 बजे तक अलंद जिले में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। पूजा का अधिकार माँगने के लिए हिंदू संगठनों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

वक्फ बोर्ड ने तर्क दिया था कि वहाँ कोई शिवलिंग नहीं है। हालाँकि, निरीक्षण के बाद उसका दावा झूठा निकला। इसके बाद अदालत ने सिद्धलिंग स्वामी को छोड़कर 15 व्यक्तियों को पूजा करने की अनुमति दी। हिंदू कार्यकर्ताओं ने 500 लोगों की अनुमति माँगी थी। उधर, लाडले मशक के परिसर में 15वीं शताब्दी में स्थापित एक शिवलिंग है। दरगाह पर आने वाले कई हिंदू शिवलिंग की पूजा भी करते थे।

जोशी नाम का एक स्थानीय परिवार यहाँ पर दैनिक पूजा-पाठ भी करता था। 15वीं शताब्दी से लेकर 2022 तक शिवलिंग को लेकर कोई विवाद नहीं था और हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक सद्भाव कायम था। साल 2022 में कुछ मुस्लिम उपद्रवियों ने शिवलिंग पर पेशाब करके और उस पर मानव मल फेंककर उसे अपवित्र कर दिया। इससे हिंदुओं में आक्रोश फैल गया था।

इस सांप्रदायिक हिंसा में 10 महिलाओं सहित 167 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। घटना के बाद स्थानीय भाजपा नेताओं और हिंदू संगठनों ने शिवलिंग का शुद्धिकरण अनुष्ठान करने का प्रयास किया, लेकिन मुस्लिम समुदाय के उपद्रवियों ने उन पर पत्थरों और हथियारों से हमला कर दिया था।