केरल की एक अदालत ने शनिवार (1 फरवरी 2025) को पतंजलि आयुर्वेद के सह-संस्थापक स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ एक गैर-जमानती वारंट जारी किया। यह वारंट एक आपराधिक मामले से संबंधित है। दरअसल, केरल के ड्रग्स इंस्पेक्टर ने उनकी कंपनी दिव्य फार्मेसी के खिलाफ कथित भ्रामक मेडिकल विज्ञापनों को लेकर मामला दर्ज किया था।
इस मामले में अब पलक्कड़ जिला अदालत ने वारंट जारी कर 15 फरवरी को उन्हें कोर्ट में हाजिर होने के लिए कहा है। इसके पहले अदालत ने 1 फरवरी की सुनवाई में हाजिर होने के लिए दोनों के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था। विज्ञापन में फर्जी दावे को लेकर दायर मामले में दिव्य फार्मेसी प्रथम, आचार्य बालकृष्ण दूसरे तथा बाबा रामदेव तीसरे आरोपित हैं।
एलोपैथी के खिलाफ भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए पतंजलि आयुर्वेद के उत्पाद सुप्रीम कोर्ट की जाँच के दायरे में थे। बाद में कोर्ट ने इनको लेकर अवमानना नोटिस जारी किया। आखिरकार, अंत में सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद द्वारा जारी सार्वजनिक माफी को स्वीकार करते हुए अवमानना के मामलों को बंद कर दिया।