केरल हाई कोर्ट ने एक पुलिस अधिकारी को जमानत देने से इनकार कर दिया है, जो एक 14 साल की एससी लड़की से दुष्कर्म का आरोपी है। लड़की अनुसूचित जाति से संबंधित बताई जा रही है। न्यायमूर्ति के बाबू ने कहा कि ऐसे गंभीर अपराधों में जमानत नहीं दी जानी चाहिए, जहाँ ‘प्राथमिक प्रमाण’ मिल चुका हो और अपराध का स्वरूप इतना गंभीर हो कि वह जनता का विश्वास हिला दे।
आरोप है कि विशेष पुलिस कैडेट (SPC) कार्यक्रम के ट्रेनर आरोपित ने लड़की से मोबाइल पर संपर्क कर उसे अपने घर बुलाया और 14 नवम्बर, 2022 को उससे रेप किया। आरोपित पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं, POCSO एक्ट और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि गंभीर अपराधों के मामले में जमानत एक अपवाद होता है, जबकि आमतौर पर जमानत नियम होती है। अदालत ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि आरोपित को जमानत तभी दी जा सकती है जब परिस्थितियाँ बदलें।