तमिल नाडु के शिवगंगा जिले में मंदिर के सिक्योरिटी गार्ड अजीत कुमार की पुलिस कस्टडी में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। मामले में 5 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है। अब इस पर मद्रास हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने कहा कि पुलिस ताकत के नशे में चूर हो चुकी है।
जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम ने मामले की सुनवाई के दौरान गार्ड की हत्या को ‘क्रूर’ बताया। जस्टिस ने गार्ड के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर पर 44 चोट के निशान पर भी हैरानी जताई। साथ ही कोर्ट ने मामले में न्यायिक जाँच के आदेश दिए हैं। जाँच की रिपोर्ट 8 जुलाई 2025 तक पेश करनी होगी।
कोर्ट ने कहा कि हत्या के सबूत लोकल पुलिस के पास सुरक्षित नहीं है। केस की फाल, सीसीटीवी फुटेज और गवाहों को मदुरै को सौंपने के निर्देश दिए। कोर्ट ने कहा कि लोकल पुलिस सीधे या टेढ़े तौर पर हत्या के आरोपितों से जुड़ी हुई है।
गौरतलब है कि 27 जून 2025 को तिरुप्पुवनम के एक मंदिर से आभूषण चोरी के आरोप में सिक्योरिटी गार्ड अजीत कुमार को गिरफ्तार किया गया था। गार्ड को पुलिस कस्टडी में बेरहमी से पीटा गया, जिसके बाद गार्ड की मौत हो गई। आरोप है कि गार्ड को घातक हथियारों से मारा गया और उसके चेहरे और प्राइवेट पार्ट पर मिर्च पाउडर भी रगड़ा गया था।