Monday, March 24, 2025

लोक सेवकों की संपत्ति और देनदारियाँ निजी नहीं, RTI में बताना होगा: मद्रास हाई कोर्ट ने दिया अहम फैसला

मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस सीवी कार्तिकेयन ने कहा कि लोक सेवक अपनी संपत्ति और देनदारियाँ छुपा नहीं सकते, क्योंकि ये निजी जानकारी नहीं है। अदालत ने कहा कि इन विवरणों को सार्वजनिक जाँच से नहीं बचाया जा सकता। इसलिए इन्हें RTI के तहत बताना होगा। हालाँकि अदालत ने यह भी कहा कि इस जानकारी का खुलासा किया जाना चाहिए, लेकिन कुछ उचित प्रतिबंध के साथ।

अदालत ने माना कि सूचना के अधिकार अधिनियम (RTI Act) की धारा 8 के तहत लोक सेवक के सेवा रजिस्टर को पूरी तरह से छूट नहीं दी जा सकती। RTI Act की धारा 8 (j) व्यक्तिगत जानकारी को साझा करने से छूट देती है। कोर्ट ने कहा कि अगर जानकारी देने से इनकार किया जाता है तो ऐसे इनकार के लिए आवश्यक कारण बताए जाने चाहिए।

अदालत ने कहा, “सेवा रजिस्टर में उपलब्ध सामग्रियों की जाँच की जानी चाहिए। उन सामग्रियों की आवश्यकता क्यों है इसका भी संबंधित अधिकारियों द्वारा सत्यापन और जांच की जानी चाहिए। हर जानकारी अस्वीकार करने का आदेश नहीं दिया जा सकता। यहां तक ​​कि अगर किसी सूचना अस्वीकार करने या प्रकट करने की मांग की जाती है तो ऐसे इनकार के लिए आवश्यक कारण बताए जाने चाहिए।”