इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार (3 जुलाई 2025) को कृष्ण जन्मभूमि विवाद में शाही ईदगाह को विवादित परिसर मानने से इनकार कर दिया था। इसे लेकर महंत रासबिहारी शरण ने कहा है कि फैसला हमारे पक्ष में नहीं हुआ, जबकि हमारी तरफ से ढेरों सबूत पेश किए गए थे।
रासबिहारी शरण का कहना है हमारी तरफ से तमाम ऐसे सबूत पेश किए गए, लेकिन वो इसे स्वीकार नहीं कर रहें हैं। हमें पूरा भरोसा है कि कोर्ट इस पर पुनर्विचार करेगा, क्योंकि उन्होंने कहा है कि वो वहाँ नमाज पढ़ते हैं, इस आधार पर सच्चाई को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता”।
#WATCH | Mathura, Uttar Pradesh: On the Krishna Janmabhoomi-Shahi Eidgah dispute, Mahant Rasbihari Sharan says, "The decision was not made in our favour. All such evidence was presented from our side, but they don't accept it… We have full confidence that this court will… pic.twitter.com/z93HG2kA2g
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 4, 2025
उन्होंने कहा कि यह फैसला यह दर्शाता है कि हिंदू धर्म के धर्मावलंबियों को दोगुनी ताकत से आगे आने की जरूरत है। क्योंकि सत्य को हर कोई स्वीकार नहीं कर सकता है। अभी ये सत्य से इंकार कर रहें हैं, इसलिए आवश्यक्ता है कि सत्य को और मजबूती से प्रस्तुत किया जाए।
रासबिहरी शरण का आरोप है कि सारे साक्ष्य मौजूद हैं, लेकिन कोर्ट उसे सुनना या देखना ही नहीं चाहती। खारिज याचिका में हिंदू पक्ष ने माँग की थी कि शाही ईदगाह मस्जिद को कोर्ट की कार्यवाही में ‘विवादित ढाँचा’ कहा जाए।