दिल्ली पुलिस ने कथित पर्यावरण एक्टिविस्ट मेधा पाटकर को गिरफ़्तार कर लिया है। शुक्रवार (25 अप्रैल, 2025) को ये कार्रवाई की गई। 2 दिन पहले ही अदालत ने उनके ख़िलाफ़ ग़ैर-ज़मानती वॉरंट जारी किया था। दिल्ली के उप-राज्यपाल VK सक्सेना ने उनके विरुद्ध मानहानि का मुक़दमा दायर कराया था। मामला 24 साल पुराना है। अदालत के बार-बार आदेश के बावजूद वो प्रोबेशन बॉन्ड नहीं भर रही थीं।
प्रोबेशन बॉन्ड भरने का अर्थ है भविष्य में तय शर्तों का पालन करने का वादा करके जमानत लेना। उन्हें व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर ऐसा करने के लिए कहा गया था। एडिशनल सेशन जज (ASJ) विशाल सिंह ने कहा था कि अगर ऐसा नहीं होता है तो अदालत दी गई रियायत वापस लेने को मज़बूर हो जाएगा।
VK सक्सेना ने मानहानि का ये मुक़दमा 2001 में ही दायर कराया था। पिछले साल ट्रायल कोर्ट ने उन्हें दोषी पाते हुए 5 महीने जेल और 10 लाख रुपए जुर्माने की सज़ा सुनाई थी। हालाँकि, अपील के बाद सेशन कोर्ट ने सज़ा पर रोक लगा दी थी। 8 अप्रैल, 2025 को दिए गए आदेश में उन्हें प्रोबेशन बॉन्ड भरने और VK सक्सेना को बतौर जुर्माना 1 लाख रुपए देने पर जेल की सज़ा खत्म करने का फ़ैसला दिया गया था।