उत्तराखंड के काशीपुर में रहने वाली इस्लाम धर्म की महक को हलाला, हिजाब और बहुविवाह जैसे नियम नहीं पसंद थे। उसने इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू बनने का फैसला लिया और बरेली के हिंदू युवक ऋषि से विवाह कर लिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महक की मुलाकात तीन साल पहले बरेली के बाकरगंज में रहने वाले ऋषि से हुई थी। दोनों में प्रेम संबंध बने। महक ने ऋषि को बताया कि 2017 में उसके पिता की मौत के बाद उसकी माँ ने दूसरी शादी कर ली। इसके बाद महक सौतेले पिता के घर पर रहने गई।
महक ने बताया कि सौतेला पिता उस पर गलत नजर रखता था। ऋषि ने उसका साथ देने की बात कही तो उसने हिंदू धर्म अपनाने का फैसला किया। इसके बाद वह घर छोड़कर उसके साथ आ गई।
बरेली के अगस्त्य मुनि आश्रम में आचार्य केके शंखधार ने महक का शुद्धिकरण कराया। फिर दोनों ने हिंदू रीति रिवाज से शादी कर ली। महक का कहना है कि उसने अपने मन से हिंदू धर्म अपनाया है।