उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में राजेश और कुलसुम ने हिंदू रीति-रिवाज़ों में विवाह कर लिया। कुलसुम ने प्रेमी राजेश से शादी करने के लिए इस्लाम छोड़ कर सनातन अपनाया है। कुलसुम अब ममता बन गई हैं। युवती ने अपने परिजनों से जान का खतरा बताया है। कुलसुम ने कहा कि उसके अब्बा ने कई बार उसे जिंदा जलाने की कोशिश कर चुके हैं।
दोनों की प्रेम कहानी दो साल पहले शुरु हुई थी। मूलरूप से आँवला के मनौना गाँव निवासी राजेश दिल्ली में सिलाई का काम करता है। कुलसुम उर्फ ममता और राजेश आपस में फोन पर बात करते थे, दोनों ने शादी करने का निर्णय लिया था। जिसकी जानकारी कुलसुम के परिजनों को लग गई।
कुलसुम के माता-पिता को बेटी के हिंदू धर्म के युवक से रिश्ता रखना पसंद नहीं आया। परिजनों ने शादी का विरोध किया। कुलसुम के अनुसार, उसके पिता उसे रोजाना प्रताड़ित करते थे। पर उसने अपने प्रेम की खातिर किसी की न सुनी और राजेश से शादी करने के लिए हिंदू धर्म अपना लिया।
बरेली के अगस्तय मुनि आश्रम में दोनों जोड़ों ने महंत के आशीर्वाद से शादी की। आश्रम के महंत केके शंखधर ने बताया, “युवती बालिग है। उन्होंने सनातन धर्म अपनाने की स्वयं इच्छा जताई थी।