मंदिर समिति के सदस्यों के अनुसार, काली मंदिर 4 फुट ऊँची ईंट की दीवार से घिरा है। ऐसे में मिराजुद्दीन आसानी से मंदिर में घुस गया। उसने उस समय मंदिरों को तोड़ा जब वहाँ 3 फरवरी को लेकर सरस्वती पूजा की तैयारी की जा रही थी।
बता दें कि यही मिराजुद्दीन पिछले साल फरवरी में फरीदपुर इस्कॉन मंदिर में सरस्वती की मूर्ति को नष्ट करने में शामिल था। उस समय उसे मानसिक रूप से अस्थिर बताकर रिहा कर दिया गया था।