ईरान पर इजरायल और अब अमेरिका ताबड़तोड़ हमले कर रहे हैं। हर तरफ हाहाकार है। लोग अपनी जान बचाकर भाग रहे हैं। भारत सरकार भी अपने नागरिकों को वहाँ से निकाल रही है। इसी कड़ी में निदा नाम की महिला को भी ऑपरेशन सिंधु के जरिए वापस लाया गया। हालाँकि इससे निदा का शौहर खुश नहीं हुआ, बल्कि उसने समझाइश दे दी कि ईरानी जमीन पाक है, वहाँ से आने से अच्छा था कि वहीं मर जाती।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, निदा के शौहर ने कहा, “इंसान शहीद होके अमर रहेगा। शहादत से अच्छी मौत नहीं है। यहाँ आने से बेहतर वहाँ की मौत थी। जो वहाँ मरता, अमर हो जाता। ईरान की जमीन पाक है, अभी वहाँ शहीद होने का वक्त है।”
जानकारी के मुताबिक, निदा युद्ध के बीच 3 जून 2025 को ईरान पहुँची थी। अब ऑपरेशन सिंधु के जरिए उसके जैसे 1100+ लोगों को सुरक्षित तरीके से भारत लाया गया है। लेकिन निदा के शौहर को लगता है कि यहाँ आने से बेहतर था, ईरान में ही इजरायली हमलों में जान गँवाना, क्योंकि उसकी नजर में ये ‘शियाओं’ के सुप्रीम लीडर के लिए ‘कुर्बानी’ होती।