इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के मामले में विपक्षी दल सहमत हो गए हैं। अब इस पर हस्ताक्षर किए जाएँगे। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि यह मामला न्यायपालिका में भ्रष्टाचार से जुड़ा है, इसलिए सरकार ने सभी बड़े दलों से बात की।
किरेन रिजिजू के मुताबिक, प्रमुख विपक्षी दलों ने जस्टिस वर्मा को हटाने का समर्थन करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। हालाँकि, अभी यह तय नहीं हुआ है कि महाभियोग प्रस्ताव लोकसभा में लाया जाएगा या राज्यसभा में।
लोकसभा में 100 और राज्यसभा में 50 सांसदों के हस्ताक्षर चाहिए होते हैं। न्यायाधीश (जाँच) अधिनियम 1968 के तहत प्रस्ताव पास होने पर तीन सदस्यों की एक समिति आरोपों की जाँच करेगी।