उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक बार फिर न्यायिक अतिक्रमण के मुद्दे पर अपनी बात दोहराई है। उन्होंने कहा है कि संसद ही सर्वोच्च है और जनता के चुने हुए प्रतिनिधि ही संविधान के असली मालिक हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय में मंगलवार (22 अप्रैल, 2025) को एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि संसद से ऊपर कोई नहीं है।
There is no visualisation in the Constitution of any authority above Parliament.
— Vice-President of India (@VPIndia) April 22, 2025
Parliament is supreme; it is as supreme as every individual in the country.
Every part of ‘We the People’ is an atom in democracy. This atomic power is reflected during elections. That is why… pic.twitter.com/xE8MJigcXE
उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि संविधान लोगों के लिए है और संसद ही इसे बनाती है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसलों पर भी टिप्पणी की और कहा कि हर संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति राष्ट्रीय हित में ही बोलता है।
उप-राष्ट्रपति ने कहा कि 1977 में आपातकाल लगाने वाले प्रधानमंत्री को भी जनता ने जवाबदेह बनाया था, इसलिए संसद से ऊपर कोई नहीं है। उन्होंने ये बातें न्यायिक अतिक्रमण के मुद्दे पर दोहराईं।
न्यायिक अतिक्रमण पर अपनी पिछली टिप्पणियों की आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए, उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, “एक संवैधानिक पदाधिकारी द्वारा बोला गया हर शब्द सर्वोच्च राष्ट्रीय हित द्वारा निर्देशित होता है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि वे राष्ट्रीय हित में ही बोल रहे हैं।