प्रवर्तन निदेशालय का दावा है कि पीएफआई ने खाड़ी देशों में रहने वाले गैर निवासी मुस्लिम प्रवासियों के लिए जिला कार्यकारी समितियों (डीईसीएस) का गठन किया है। साथ ही अपने सदस्यों को संगठन के लिए धनराशि जुटाने समेत अन्य काम दिए गए हैं।
जाँच एजेंसी का ये भी कहना है कि पीएफआई सदस्य हवाला के माध्य से भारत में धन भिजवाने का काम कर रहे थे। जिनका प्रयोग आतंकवादियों को वित्त सहायता देने के लिए होता था।
जाँच एजेंसी ने ये भी बताया कि इस संगठन का उद्देश्य कोई सामाजिक आंदोलन नहीं बल्कि संविधान के उद्देश्यों से अलग है। हकीकत में ये जिहाद के माध्यम से भारत में इस्लामी शासन लाना चाहते हैं। केंद्र सरकार ने 2022 में यूएपीए के तहत कार्रवाई करते हुए इनपर प्रतिबंध लगा दिया था।