Monday, May 5, 2025

जिस टेंट में 30 साल रामलला ने काटा ‘वनवास’, उसे धरोहर की तरह रखेगा ट्रस्ट: आंदोलन के बारे में जानेगी अगली पीढ़ी, दिखेगा 500 साल का संघर्ष

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट मंदिर बनाने के लिए हुए आंदोलन की यादें सहेज कर रखेगा। ट्रस्ट उस जूट के टेंट को सहेजेगा जिसमें बाबरी विध्वंस के बाद रामलला को अस्थायी रखा गया था। उस सिंहासन को भी संरक्षित किया जाएगा, जिस पर 1949 के बाद रामलला को विराजमान किया गया था।

राम मंदिर ट्रस्ट की रविवार (4 मई, 2025) को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा ने इस विषय में बताया, “इससे पहले, रामलला को जूट से बने अस्थायी तंबू में रखा जाता था। इसे और उस सिंहासन को, जिस पर वे 1949 से विराजमान थे, स्मारक के रूप में रखा जाएगा।”

उन्होंने आगे कहा, “इसे तीर्थयात्रियों और आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित किया जाएगा, ताकि वे इस तरह के कदम उठा सकें कि ऐसी स्थिति फिर से न आए।” गौरतलब है कि 6 दिसम्बर, 1992 को कारसेवकों ने राम मंदिर आंदोलन के बाद बाबरी मस्जिद को गिरा दिया था। इसके बाद यहाँ एक अस्थायी टेंट बनाया गया था जहाँ रामलला की पूजा की थी।