पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर के वरिष्ठ सेवक रामकृष्ण दास महापात्रा को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है। अब अगले एक महीने तक रामकृष्ण दास न तो मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं और न ही किसी पूजा या सेवा में हिस्सा ले पाएंगे।
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक अरविंद कुमार पाधी ने कहा, “दैतापति सेवक रामकृष्ण दास महापात्रा के खिलाफ अनुशासनहीनता के आरोप थे। मैंने व्यक्तिगत रूप से जाँच की और सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी और हमने संबंधित सेवायत को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया है…”
मंदिर ने साफ किया है कि मर्यादा भंग करने वालों पर एक्शन लिए जाएंगे और अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पश्चिम बंगाल में दीघा जगन्नाथ मंदिर के अभिषेक समारोह में भाग लेने के बाद उन्हें 12वीं सदी के पुरी मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया गया था और उन पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया गया था।
रामकृष्ण दास महापात्रा दैतापति निजोग के सचिव के रूप में भी काम करते हैं। दैतापति निजोग सेवकों का एक समूह ही वार्षिक रथ यात्रा के दौरान देवताओं के औपचारिक अंगरक्षक के रूप में कार्य करता है। इन सेवकों को खास निर्देश दिया गया है कि वे किसी भी सेवक या व्यक्ति को धमकी न दें।