भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक सलमान रूश्दी पर चाकू से हमला करने वाले अमेरिकी लेबनानी हादी मटार को कोर्ट ने हत्या के प्रयास का दोषी ठहराया है। संघीय आतंकवाद से संबंधित आरोपों के साथ-साथ उसे 32 साल तक की जेल हो सकती है। 27 साल के हादी मटर को 23 अप्रैल को सजा सुनाई जाएगी। बता दें कि 12 अगस्त 2022 को हादी ने ‘सैटेनिक वर्सेज’ लिखने के लिए रूश्दी को चाकू मारा था।
हादी मटार ने स्वीकार किया है हमले में रूश्दी के बचने की उसे उम्मीद नहीं थी। मटार ने कहा, “जब मैंने सुना कि वे बच गए हैं तो मुझे आश्चर्य हुआ।” रूश्दी की हत्या के लिए ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खुमैनी से प्रेरणा लेने के सवाल पर मटार ने कहा, “मैं उनका सम्मान करता हूँ। वे एक महान व्यक्ति हैं। मैं बस इतना ही कहूँगा।” उसने कहा कि वह ‘द सैटेनिक वर्सेज’ के सिर्फ कुछ ही पन्ने पढ़ा है।
दरअसल, रूश्दी ने सन 1988 में सैटेनिक वर्सेज किताब लिखी थी। इसे ईशनिंदा बताते हुए दुनिया भर के मुस्लिमों ने इसका विरोध किया था। वहीं, ईरान के सर्वोच्च नेता रहे अयातुल्लाह खुमैनी ने 1989 में रूश्दी की हत्या के लिए फतवा जारी किया था। यह किताब भारत में भी प्रतिबंधित कर दी गई थी। भारत दुनिया का पहला देश था, जिसने इस पर सबसे पहले प्रतिबंध लगाई थी।