उत्तर प्रदेश के संभल में स्थित जामा मस्जिद के सर्वे के दूसरे चरण के दौरान कट्टरपंथी मुस्लिमों द्वारा टीम पर हमला कर दिया गया था। इसके कारण बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी। कहा जा रहा है कि सर्वे की रिपोर्ट का काम पूरा नहीं हुआ है। इसलिए इसे कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका। सर्वे रिपोर्ट शुक्रवार (29 नवंबर) तक चंदौसी कोर्ट में पेश करना था। अब इस मामले की अगली सुनवाई 8 जनवरी को होगी।
सर्वे रिपोर्ट को पेश करने के लिए कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव ने 10 दिनों का समय माँगा है। उन्होंने कहा कि 19 नवंबर को पहली सर्वे और 24 नवंबर को दूसरी सर्वे के दौरान असामाजिक तत्वों ने हस्तक्षेप किया, जिससे हिंसा हुई और सर्वे की रिपोर्ट पूरी नहीं हो पाई। इसके बाद सर्वे की रिपोर्ट पेश करने के लिए कोर्ट से अगली तारीख माँगी गई।
वहीं, जामा मस्जिद कमिटी का कोर्ट में प्रतिनिधित्व करने वाले वकील शकील अहमद वसीम ने कहा कि ढाँचे का तीसरी बार सर्वे नहीं किया जाएगा। बता दें कि हिंदू पक्ष का दावा है कि जिस स्थान पर जामा मस्जिद है, वहाँ हरिहरनाथ मंदिर था और उस मंदिर को तोड़कर यह ढाँचा बनाया गया है। इस याचिका के बाद कोर्ट ने सर्वे का निर्देश दिया था।