महाराष्ट्र में हिंदी को तीसरी भाषा शामिल करने के लिए विवाद चल रहा है। ऐसे में शिवसेना के दो अलग-अलग गुट उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे भी इस विवाद में साथ आ गए हैं। इसमें तमिल नाडु के सीएम एमके स्टालिन भी ठाकरे ब्रदर्स को सपोर्ट करते दिखे थे।
लेकिन अब शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने एमके स्टालिन के समर्थन को नकार दिया है। संजय राउत ने साफ कहा कि शिवसेना का विरोध केवल कक्षा 1 से 5 तक हिंदी को अनिवार्य करने तक ही सीमित है। उन्होंने आगे कहा, “जबकि एमके स्टालिन का हिंदी थोपे जाने का रुख का मतलब है कि वे हिंदी नहीं बोलेंगे और न ही किसी को हिंदी बोलने देंगे। लेकिन हमारा रुख ऐसा नहीं है। हम हिंदी बोलते हैं।”
#WATCH | Mumbai, Maharashtra: Shiv Sena (UBT) MP Sanjay Raut says, "The Southern states have been fighting for this issue for years. Their stand against the imposition of Hindi means they will not speak Hindi and neither let anyone speak Hindi. But that is not our stand in… pic.twitter.com/w5tD80bRYP
— ANI (@ANI) July 6, 2025
गौरतलब है कि 20 साल बाद उद्धव और राज ठाकरे को मंच साझा करते देखा गया था। इसके कुछ घंटों बाद तमिल नाडु सीएम एमके स्टालिन ने हिंदी थोपे जाने के मुद्दे पर केंद्र के साथ विवाद में रहे दोनों भाइयों के रुख का स्वागत किया था। इसे लेकर उन्होंने ट्वीट भी किया था। हालाँकि, अब संजय राउत ने साफ कर दिया है कि एमके स्टालिन और शिवसेना का हिंदी थोपे जाने का अर्थ अलग-अलग है।