ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार ने 7 सांसदों के सर्वदलीय टीम का गठन किया है, जो यूएन से लेकर भारत के मित्र राष्ट्रों में जाकर पाकिस्तान को एक्सपोज करेगा। इसकी अगुवाई कॉन्ग्रेस सांसद और यूएन में काम कर चुके अनुभवी कूटनीतिज्ञ शशि थरूर करेंगे।
कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर ने डेलिगेशन का हिस्सा बनने पर सम्मान जताते हुए कहा, “जब राष्ट्रीय हित की बात होगी, मैं पीछे नहीं हटूँगा।” उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को पाकिस्तान और दुनिया के लिए मजबूत संदेश बताया। डेलिगेशन अमेरिका, यूके, दक्षिण अफ्रीका, कतर और संयुक्त अरब अमीरात में जाकर भारत का दृष्टिकोण समझने का प्रयास करेंगे।
I am honoured by the invitation of the government of India to lead an all-party delegation to five key capitals, to present our nation’s point of view on recent events.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) May 17, 2025
When national interest is involved, and my services are required, I will not be found wanting.
Jai Hind! 🇮🇳 pic.twitter.com/b4Qjd12cN9
हालाँकि ऑपरेशन सिंदूर पर केंद्र सरकार की तारीफ कर कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर पार्टी के भीतर विवादों में घिर गए। दिल्ली में कॉन्ग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक में पार्टी नेताओं ने कहा कि यह निजी राय देने का समय नहीं, बल्कि पार्टी की आधिकारिक लाइन को सामने रखने का वक्त है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने सर्वदलीय सांसदों के डेलिगेशन में कॉन्ग्रेस से सिर्फ शशि थरूर को शामिल किया गया है। कॉन्ग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी ने थरूर का नाम नहीं दिया था, बल्कि आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार के नाम भेजे थे।