सुप्रीम कोर्ट ने पत्नी और ससुरालीजनों की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या करने वाले अतुल सुभाष के बेटे को उसकी दादी को सौंपे जाने से इनकार किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबध में दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निकिता सिंघानिया को बेटे को साथ रखने का अधिकार है और उसकी दादी लगभग अनजान की तरह है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बच्चे की कस्टडी उसकी दादी को दिया जाना उसके हित में नहीं है क्योंकि वह अपने दादा-दादी को नहीं पहचानता। कोर्ट में जस्टिस नागरत्ना ने अतुल सुभाष की माँ को निकिता सिंघानिया के खिलाफ बोलने पर चेतावनी भी दी। कोर्ट ने कहा कि निकिता सिंघानिया को कसूरवार नहीं कहा जाए, क्योंकि अब तक उसका अपराध कोर्ट में साबित नहीं हुआ।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी को दोषी कहने का हक़ केवल कोर्ट को है और यह कोई मीडिया ट्रायल नहीं है। कोर्ट ने कहा है कि अगर अतुल की माँ को अपने पोते की कस्टडी चाहिए तो वह इसके लिए दूसरी कानूनी प्रक्रिया अपना सकते हैं।