Monday, March 17, 2025

जन्म के प्रमाण के लिए आधार कार्ड मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने एक हाई कोर्ट के उस फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें मोटर दुर्घटना मुआवजा मामले में पीड़ित की उम्र तय करने के लिए आधार कार्ड में दी गई जन्म तिथि को स्वीकार किया गया था।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय करोल और उज्जल भुइयाँ की बेंच ने आधार कार्ड को उम्र के प्रमाण के रूप में स्वीकार करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि मृतक की उम्र का निर्धारण आधार कार्ड की बजाय स्कूल लीव सर्टिफिकेट से किया जा सकता है, जिसे किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 94 के तहत मान्यता प्राप्त है।

यह मामला मुआवजे से जुड़ा था, जहाँ मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (MACT) द्वारा 19,35,400 रुपए का मुआवजा तय किया गया था, जिसे हाई कोर्ट ने घटाकर 9,22,336 रुपए कर दिया था। हाई कोर्ट ने मृतक की उम्र 47 साल मानी और 13 का गुणक लागू किया, जबकि अपीलकर्ताओं ने तर्क दिया कि मृतक की उम्र 45 साल थी, और 14 का गुणक लागू होना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने अपीलकर्ताओं के तर्कों को स्वीकार किया और कहा कि स्कूल लीव सर्टिफिकेट के आधार पर उम्र का निर्धारण सही है। कोर्ट ने आधार कार्ड को उम्र के प्रमाण के रूप में उपयुक्त नहीं माना। कोर्ट ने मृतक के परिवार को 15 लाख रुपये मुआवजे के रूप में देने का आदेश दिया, जिसमें 8% ब्याज भी शामिल है, जो क्लेम फाइल करने की तारीख से लागू होगा।