सुप्रीम कोर्ट ने तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू प्रसाद में मिलावटी घी के इस्तेमाल के आरोपों की जाँच के लिए नई स्वतंत्र एसआईटी गठित करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि यह करोड़ों लोगों की आस्था का मामला है और यदि आरोपों में सच्चाई पाई जाती है, तो यह अस्वीकार्य होगा। कोर्ट ने सीबीआई, राज्य पुलिस और FSSAI के अधिकारियों की एक पाँच सदस्यीय टीम बनाई है, जो इस मामले की जाँच करेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार की एसआईटी इस मामले की जाँच नहीं करेगी और अदालत को राजनीतिक अखाड़ा बनने की अनुमति नहीं दी जा सकती। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि जाँच का उद्देश्य निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है ताकि जनता का विश्वास कायम रहे।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अदालत को राजनीतिक लड़ाई का मंच नहीं बनने दिया जाएगा। अदालत ने जाँच को निष्पक्ष रखने के लिए यह कदम उठाया है ताकि लोगों का विश्वास बना रहे। आंध्र प्रदेश सरकार के वकील और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी जाँच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी की माँग की थी।