सुप्रीम कोर्ट ने पहलगाम आतंकी हमले पर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने की ताक में बैठे गिद्धों को झटका दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने उस याचिका को ख़ारिज कर दिया है, जिसमें इस हमले की न्यायिक जाँच की माँग की गई थी। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों ने 28 निर्दोषों को मार डाला था।
सुप्रीम कोर्ट ने इसे एक ग़ैर-जिम्मेदार याचिका करार देते हुए कहा कि ऐसे संवेदनशील माहौल में इसे दायर किया जाना बताता है कि इससे हमारे सुरक्षा बलों का मनोबल गिरेगा। जस्टिस सूर्यकान्त ने याचिकाकर्ता को याद दिलाया कि देश के प्रति आपका कुछ कर्तव्य है, इसीलिए याचिका जिम्मेदारी से दायर करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “इस संकट की घड़ी में आप इस तरह से सशस्त्र बलों का मनोबल गिराने की कोशिश कर रहे हैं? आप सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से जाँच करने को कह रहे हैं। हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज कब से जाँच के विशेषज्ञ हो गए हैं? हमें बताइए, हमें जाँच की इस विशेषज्ञता की कब से जरूरत पड़ गई? हम सिर्फ विवादों का फैसला करते हैं। हमें आदेश पारित करने के लिए मत कहिए।”
कश्मीरी नागरिक जुनैद मोहम्मद ने वकीलों फतेश कुमार साहू और विक्की कुमार की मदद से इस याचिका को दायर किया था।