सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की पीठ, जिसमें चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ शामिल थे, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा शामिल थे, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि मदरसा एक्ट के प्रावधान संविधान के मूल अधिकारों या उसके बुनियादी ढाँचे का उल्लंघन नहीं करते हैं।
सर्वोच्च अदालत ने यह फैसला एक्ट में मौजूद कुछ प्रावधानों को छोड़कर दिया है। दरअसल, कोर्ट ने मदरसा एक्ट से जुड़ी फाजिल और कामिल से -जुड़ी डिग्री को संवैधानिक नहीं माना क्योंकि ये यूजीसी एक्ट के हिसाब से विरोधाभासी है।