सुप्रीम कोर्ट ने अहमदाबाद के एक रेप केस के फैसले को 32 साल बाद बदलकर दोषी को सजा सुनाई है। 21 साल की उम्र में रेप करने वाले व्यक्ति की वर्तमान आयु 54 वर्ष है। उसे 10 साल की जेल और 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात ट्रायल कोर्ट के जजों को भी फटकार लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “आखिर किस बेअक्ल जज ने फॉरेंसिक साइंस लैब की रिपोर्ट को न मानकर आरोपित को बरी किया। पीड़िता और डॉक्टरों के बयान पर भी ध्यान नहीं दिया गया।”
रिपोर्ट्स के अनुसार, अहमदाबाद में 21 साल के एक व्यक्ति ने 10 साल की बच्ची को खेत में ले जाकर उससे रेप किया। मेडिकल जाँच में दुष्कर्म की पुष्टि हुई। लेकिन, FIR में 48 घंटे की देरी होने को आधार बना कर अहमदाबाद ग्रामीण के एडिशनल जज ने 1994 में आरोपित को बरी कर दिया।
इसके बाद राज्य सरकार की हाईकोर्ट में डाली गई अर्जी भी 30 साल तक लंबित रही। इसके बाद हाईकोर्ट ने 14 नवंबर 2024 को ट्रायल कोर्ट का फैसला रद्द कर दोषी को सजा देने का ऐलान किया। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँचा। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को मानते हुए दोषी को 10 साल जेल और 10 हजार जुर्माने की सजा को बरकरार रखा। दोषी को एक सप्ताह के अंदर समर्पण करने को कहा गया है।