Friday, March 7, 2025

अरुणाचल में धर्मांतरण विरोधी कानून बनने से तिलमिलाए ईसाई, विरोध प्रदर्शन पर उतरे: बोले- ये क्रूर कानून, नहीं रद्द किया तो हो सकती है हिंसा

अरुणाचल प्रदेश में धर्मांतरण विरोधी कानून को लागू करने के खिलाफ राज्य भर से आए ईसाइयों ने 6 मार्च को राजधानी ईटानगर के बोरम मैदान में विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम (APFRA) 1978 को क्रूर बताते हुए इसे रद्द करने की माँग की। उनका दावा है कि यह कानून ईसाई समुदाय को निशाना बनाएगा। उन्होंने चीन सीमा से सटे इस राज्य में हिंसा की चेतावनी भी दी।

अरुणाचल क्रिश्चियन फोरम (ACF) के अध्यक्ष तारह ​​मिरी ने कहा, “यह संविधान के खिलाफ है और राज्य के शांतिप्रिय ईसाई समुदाय को निशाना बनाएगा।” इसको लेकर ACF के प्रतिनिधियों और राज्य के गृह मंत्री मामा नटुंग के बीच दो बैठक हो चुकी हैं, लेकिन कोई हल नहीं निकला। प्रदर्शनकारियों ने धमकी है दी कि इस कानून की वजह से पड़ोसी मणिपुर जैसी अशांति पैदा हो सकती है।

वहीं, सूर्य एवं चंद्रमा की उपासना करने वाले स्वदेशी डोनी पोलो धर्म के अनुयायियों ने कानून का समर्थन किया है। मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कानून का बचाव करते हुए कहा कि इससे किसी भी धर्म को नुकसान नहीं पहुँचेगा। उन्होंने कहा कि इसे 1978 में स्वदेशी आस्था रखने वालों को धर्म परिवर्तन से बचाने के लिए लागू किया गया था। उन्होंने कहा कि इस कानून का उद्देश्य राज्य की सांस्कृतिक विरासत को बचाना है।