उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में नूरी जामा मस्जिद की प्रबंधन समिति ने यूपी सरकार की सड़क चौड़ीकरण परियोजना के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
मस्जिद समिति ने अपनी याचिका में कहा है कि सड़क चौड़ीकरण परियोजना के लिए, मस्जिद के जिस हिस्से को यूपी पीडब्लूडी ध्वस्त करेगा, उससे मस्जिद के एक महत्वपूर्ण हिस्से को नुकसान पहुँचेगा, इसलिए इसे रोका जाना चाहिए।
इस याचिका पर जस्टिस शेखर बी सराफ और जस्टिस बिपिन चंद्र दीक्षित की बेंच सुनवाई करेगी। याचिका में नूरी जामा मस्जिद फतेहपुर को विरासत स्थल के रूप में मान्यता देने की भी माँग की गई है। याचिका में कहा गया है कि मस्जिद को गिराए जाने से देश की सांस्कृतिक विरासत और स्थानीय समुदायों को ‘अपूरणीय क्षति’ होगी।
गौरतलब है कि एनएच 335 के दोनों ओर चौड़ीकरण परियोजना के तहत, नूरी जामा मस्जिद के 150 वर्ग फुट हिस्से को यूपी पीडब्ल्यूडी द्वारा ध्वस्त करने के लिए चिह्नित किया गया है। दोनों ओर 40 फुट क्षेत्र के साथ 2 किमी का खंड विकसित किया जा रहा है।