मौजूदा नियमों के तहत इन परिवारों को ये अधिकार पाना मुश्किल था, क्योंकि सरकारी अनुदान अधिनियम 1895 को केन्द्र सरकार ने खत्म कर दिया था। ऐसे में नए कानून बनाए जा रहे हैं ताकि इनलोगों को जमीन पर मालिकाना हक मिल सके। जमीन की खरीद-बिक्री करने का अधिकार मिल सके।
ये परिवार देश बंटवारे के वक्त पाकिस्तान वाले इलाके से आए थे। इन्हें यूपी के लखीमपुर खीरी, रामपुर, बिजनौर और पीलीभीत में बसाया गया था। इनलोगों को सरकारी जमीन भी दी गई थी ताकि इनका गुजर-बसर हो सके। लेकिन, ये अपनी जमीन नहीं बेच सकते हैं। कृषि ऋण के अलावा इन लोगों को किसी सरकारी सुविधा या ऋण नहीं मिल पाता था।
इसको देखते हुए योगी सरकार ने एक कमेटी बनाई थी ताकि समस्या का समाधान हो सके। इस कमेटी में मुरादाबाद, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी जैसे जिलों के प्रशासनिक अधिकारी शामिल हैं। रिपोर्ट के आधार पर सरकार कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू करेगी।