सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व IAS प्रोबेशनरी अधिकारी पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया और आदेश दिया कि अगली सुनवाई तक उनके खिलाफ कोई सख्त कदम न उठाए जाएँ। पूजा खेडकर पर UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2022 में गलत जानकारी और फर्जी दस्तावेजों के जरिए नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जस्टिस बीवी नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने मामले में दिल्ली पुलिस और UPSC से जवाब माँगा है। कोर्ट ने कहा कि 14 फरवरी 2025 तक किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की जाएगी।
UPSC ने खेडकर पर OBC और PwBD कोटा का दुरुपयोग कर फर्जी पहचान और दस्तावेजों के जरिए अतिरिक्त प्रयास हासिल करने का आरोप लगाया है। जुलाई 2024 में UPSC ने उनकी उम्मीदवारी रद्द कर उन्हें भविष्य की सभी परीक्षाओं से प्रतिबंधित कर दिया।
दिल्ली हाईकोर्ट ने पहले खेडकर को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी, लेकिन बाद में यह राहत रद्द कर दी गई। हाईकोर्ट ने पाया कि खेडकर ने लाभ उठाने के लिए दस्तावेजों में हेरफेर किया और यह समाज के साथ धोखाधड़ी है।