टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट में उज्बेकिस्तान के ग्रैंडमास्टर नोदिरबेक याकुबोएव ने मजहबी वजहों से भारत की आर वैशाली से हाथ नहीं मिलाया, जिससे विवाद खड़ा हो गया। नीदरलैंड में खेले जा रहे टूर्नामेंट के दौरान वैशाली ने खेल शुरू होने से पहले हाथ बढ़ाया, लेकिन याकुबोएव ने इसे नजरअंदाज कर दिया। इससे वैशाली असहज हो गईं।
A renowned Uzbek chess Grandmaster, Nodirbek, refused to shake hands with India's Women's Grandmaster Vaishali.
— Ayushh (@ayushh_it_is) January 27, 2025
Does religion influence sports? However, he was seen shaking hands with other female players earlier. pic.twitter.com/fGR61wvwUP
सोशल मीडिया पर बवाल मचने के बाद याकुबोएव ने माफी माँगी और मजहबी कारणों का हवाला दिया। याकुबोएव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा कि वह वैशाली और उनके भाई आर प्रज्ञानंद का सम्मान करते हैं, लेकिन वह महिलाओं से हाथ नहीं मिलाते। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका इरादा किसी का अपमान करना नहीं था।
2) I respect Vaishali and her brother as the strongest chess players in India. If I have offended her with my behavior, I apologize.
— Nodirbek Yakubboev (@NodirbekYakubb1) January 26, 2025
I have some additional explanations:
1. Chess is not haram.
इस पूरे घटनाक्रम के बावजूद वैशाली ने खेल पर अपना ध्यान लगाए रखा और याकुबोएव को हरा दिया। इसके बाद वैशाली ने भी याकुबोएव से हाथ नहीं मिलाकर उसी के स्टाइल में बिना कहे जवाब भी दे दिया। वैशाली के चार अंक हैं, जबकि याकुबोएव आठ राउंड के बाद तीन अंकों पर हैं।