1000 विद्रोहियों का सरेंडर, क्षेत्र के विकास में खर्च होंगे ₹1000 Cr: जानिए क्या है कार्बी समझौता, शाह-सरमा ने किए हस्ताक्षर

कार्बी आंगलॉन्ग समझौते से पूर्वोत्तर में शांति की बहाली होगी। (फोटो साभार: ट्विटर/ एएनआई)

असम में शांति बहाली के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने शनिवार (4 अगस्त 2021) को दिल्ली केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और कार्बी संगठनों के प्रतिनिधियों ने त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के बाद शाह ने असम में कार्बी आंगलॉन्ग समझौते को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि मोदी सरकार असम की क्षेत्रीय अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

गृह मंत्री अमित शाह ने इस मौके पर कहा, “जब से नरेंद्र मोदी प्रधान मंत्री बने हैं तभी से पूर्वोत्तर भारत न केवल उनके फोकस का क्षेत्र रहा है, बल्कि नॉर्थ ईस्ट का किस तरह से सर्वांगीण विकास हो यह उनके लिए महत्वपूर्ण काम का अंग रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए बीते सात सालों में मोदी जी के नेतृत्व में काफी काम हुआ है। आज 1000 कार्बी कैडर ने हथियार डालकर विकास की मुख्यधारा में लौटने की शुरुआत की है। मोदी सरकार की यह नीति रही है कि अगर कोई हथियार डालकर मुख्यधारा में आता है तो उसे उसकी माँग के अनुसार सम्मान दिया जाता है।”

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उन्होंने आगे कहा कि हथियार डालकर मुख्यधारा में आनेवालों के पुनर्वसन के लिए भारत सरकार औऱ असम सरकार कटिबद्ध है। गृह मंत्री ने कार्बी आंगलॉन्ग के विकास को लेकर कहा कि असम सरकार पाँच साल में 1000 करोड़ रुपए इस क्षेत्र के विकास के लिए खर्च करेगी। हर बजट में इसके लिए 200 करोड़ रुपए आवंटित होंगे। इसके अलावा ये जो समझौता हुआ है ये इस क्षेत्र के विकास के लिए मुख्य कारक बनने वाला है।

सरमा बोले-यह बड़ी उपलब्धि

इस समझौते को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि 1,000 आतंकवादी आत्मसमर्पण करेंगे और ढेर सारे हथियार जमा किए जाएँगे। इससे इस क्षेत्र में शांति बहाल होगी। यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। सीएम ने आगे कहा कि हम 300 से अधिक अत्याधुनिक हथियारों के साथ आत्मसमर्पण करने वाले 1000 आतंकवादियों के पुनर्वास के लिए काम करेंगे। उन्हें पहली बार कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद में आरक्षण दिया जाएगा।

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इस बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानन्द सोनोवाल ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी औऱ गृह मंत्री अमित शाह को राज्य के दशकों पुराने संकट को हल करने के लिए धन्यवाद दिया।

कौन हैं कार्बी समूह

रिपोर्ट के मुताबिक, कार्बी असम का एक जातीय समूह है, जो कि कई गुटों औऱ टुकड़ों में है। इनका इतिहास 1980 के दशक से हत्याओं, जातिगत हिंसा और अपहरण से जुड़ा हुआ है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया