अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के साथ-साथ मोदी सरकार ने कर चोरी रोकने में भी बड़ी सफलता हासिल की है, जिसका नतीजा है कि आयकर के मामले में वर्तमान केंद्र सरकार यह काम कर पाई। मोदी सरकार ने महज 4 साल में आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या दोगुनी कर दी है। कॉन्ग्रेस सरकार के कार्यकाल में 3 करोड़ के आस-पास रहने वाली रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या अब 7 करोड़ का आँकड़ा छूने के करीब पहुँच गई है। खास बात यह है कि पिछले वित्त वर्ष में लगभग 1 करोड़ नए करदाताओं ने आयकर रिटर्न दाखिल किया है। वहीं परोक्ष कर के तहत पंजीकृत संख्या में भी GST लागू होने के बाद बड़ी संख्या में वृद्धि हुई है।
नवीनतम सरकारी आँकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष (FY2019) में 16 मार्च 2019 को आयकर कलेक्शन ने ₹10 लाख करोड़ का रिकॉर्ड आँकड़ा पार कर लिया है। बता दें कि यह आँकड़ा अस्थायी है क्योंकि देश भर से पूरे अग्रिम कर के आँकड़े अभी तक नहीं आए हैं। जबकि अप्रैल-जनवरी की अवधि के दौरान शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह ₹7.89 लाख करोड़ रहा। हालाँकि, मार्च के मध्य तक का प्रारंभिक मूल्याँकन ₹10 लाख करोड़ आँकड़े को पार कर गया है।
चालू वित्त वर्ष के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य ₹12 लाख करोड़ रखा गया है। यह लक्ष्य पहले के ₹11.5 लाख करोड़ के अनुमान से अधिक है, जिसे 2019-20 के अंतरिम बजट में ₹50,000 करोड़ से संशोधित किया गया था। इस विषय पर आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने भी कहा था, “हम प्रत्यक्ष करों पर लक्ष्य को पूरा करने का विश्वास रखते हैं। लेकिन, अप्रत्यक्ष कर के मामले में कुछ कमी हो सकती है।”
प्रत्यक्ष कर में हुई है बढ़ोत्तरी
NDA सरकार के दौरान प्रत्यक्ष कर संग्रह (Direct Tax Collections) में वृद्धि हुई है। अंतरिम बजट प्रस्तुत करते हुए तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि भारत का कर आधार (Tax Base), जो कर दाताओं (Tax payers) की कुल संख्या को इंगित करता है, पिछले कुछ वर्षों में 3.79 करोड़ से 6.85 करोड़ तक बढ़ गया है। इसके अलावा, पिछले वित्त वर्ष (FY18) में भारत का tax-to-GDP अनुपात 5.98% था, जो एक दशक में सबसे अच्छा प्रदर्शन था।
मोदी सरकार में दोगुनी हुई आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या
GST जैसे मुद्दों पर विपक्ष द्वारा फैलाये गए तमाम झूठ के बावजूद सरकारी आँकड़े बताते हैं कि आयकर विभाग ने पिछले 5 वर्षों में ₹977 करोड़ बचाए हैं, जिसमें GST का सबसे बड़ा योगदान रहा है। वित्त वर्ष 2013-14 में कुल मिलाकर 3.79 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए थे। जबकि, वर्ष 2017-18 में 6.86 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल किए गए, जो कि लगभग 80.5% की वृद्धि दर्शाता है।