कॉन्ग्रेस नेता ने दिया ममता बनर्जी को विलय का सुझाव, कहा- BJP को हराने का नहीं है कोई दूसरा विकल्प

ममता बनर्जी और कॉन्ग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले वहाँ राजनीतिक उठा-पटक शुरू हो गई है। हाल में ममता बनर्जी के करीबी सौगात राय ने कॉन्ग्रेस और लेफ्ट पार्टियों को टीएमसी के साथ आने की सलाह दी और अब कॉन्ग्रेस ने टीएमसी को सुझाया है कि वह उनके साथ जुड़ जाएँ क्योंकि वह अकेले बीजेपी के ख़िलाफ़ नहीं लड़ पाएँगे।

जानकारी के मुताबिक, कॉन्ग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने टीएमसी पर निशाना साधते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आगामी चुनावों में अकेली बीजेपी के खिलाफ नहीं लड़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें (ममता बनर्जी) कॉन्ग्रेस में शामिल होना चाहिए क्योंकि बंगाल में कॉन्ग्रेस के बिना बीजेपी को सत्ता में आने से रोक पाना असंभव है। 

उनका तर्क है कि कॉन्ग्रेस ने भारत में लगभग 100 सालों तक बीजेपी जैसे दलों के खिलाफ गठबंधन करके भारत में एक धर्मनिरपेक्ष माहौल बनाए रखा था। कॉन्ग्रेस नेता टीएमसी पर पलटवार करते हुए कहते हैं कि ममता बनर्जी को TMC छोड़ देना चाहिए और आज ही कॉन्ग्रेस से हाथ मिलाना चाहिए।

लोकसभा में कॉन्ग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी कहते हैं कि ममता बनर्जी समझ रही हैं कि बंगाल में BJP को रोकने के लिए उनके पास कोई चारा नहीं है। BJP के खिलाफ लड़ने के लिए ममता बनर्जी की नहीं बल्कि कॉन्ग्रेस की अगुवाई में आना आवश्यक है। 

उनके अनुसार ममता बनर्जी के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है। कॉन्ग्रेस नेता ने आगे कहा कि अब टीएमसी सोच रही है कि कॉन्ग्रेस के बिना राज्य में उसका रहना मुश्किल होगा और कॉन्ग्रेस पार्टी भी यही सलाह देती रही है।

शुक्रवार को 24 परगना जिले के बारासात के अदालत परिसर में खड़े होकर कॉन्ग्रेस नेता ने कहा, “टीएमसी पहले खुद को देखे। पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक पार्टियों को लाने वाले पहले खुद को देखें। हम हमेशा से सेकुलर रहे हैं। हम सेकुलर पार्टी के साथ लड़ना चाहते हैं। यह हमने बहुत पहले कहा था। हम तृणमूल कॉन्ग्रेस की तरह नहीं हैं, जो आज सेकुलर है, कल तटस्थ और परसों तानाशाही दिखाएगी। हम ऐसा नहीं करते हैं।” 

चौधरी का कहना है, “ममता दीदी को सब पता है। कॉन्ग्रेस पार्टी छोड़ गईं और तृणमूल कॉन्ग्रेस का जन्म हुआ, इसलिए TMC छोड़कर कॉन्ग्रेस में आना समझदारी है। सभी समस्याओं का हल है। ममता बनर्जी तृणमूल के बड़े और छोटे नेताओं से लगातार बात किए बगैर खुद सोनिया गाँधी के पास जा सकती हैं। वह सोनिया गाँधी को जानती हैं, वह दिल्ली जा सकती हैं और उनसे मिल सकती हैं।” 

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया