यूरोपियन संसद का 28 सदस्यीय अंतरराष्ट्रीय पैनल दिल्ली आया हुआ है। इसके बाद ये पैनल जम्मू कश्मीर का दौरा कर वहाँ के स्थानीय लोगों से मुलाक़ात करेगा। इस पहल से भारत विश्व समुदाय को यह दिखाएगा कि राज्य में सब कुछ ठीक-ठाक है और पाकिस्तान आतंकियों के साथ मिल कर सिर्फ़ भ्रम फैला रहा है। यूरोपियन पार्लियामेंट के पैनल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर मुलाक़ात की।
पीएम मोदी ने यूरोपियन पैनल को “आतंकवाद के प्रति कोई रहम नहीं, कोई समझौता नहीं” के भारतीय पक्ष से अवगत कराया है। इसके अलावा उन्होंने भारत और यूरोप के रिश्तों की महत्ता पर भी बात की। उन्होंने कहा कि दोनों ही क्षेत्रों के साझा हित और लोकतंत्र के प्रति समान भावना पर ही भारत-यूरोप का सम्बन्ध आधारित है।
इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार आदित्य राज कौल ने यूरोपियन पैनल में शामिल लोगों से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात के बाद उन्होंने कहा कि 28 सदस्यीय पैनल के सभी सदस्य जम्मू कश्मीर में भारत द्वारा अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने का स्वागत करते हैं। इराक और फिलिस्तीन से ग्राउंड रिपोर्ट कर चुके आदित्य राज कौल राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशी कूटनीति मामलों के जानकर हैं। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि यूरोपियन पैनल जम्मू कश्मीर में लोगों से संवाद करने को लेकर उत्साहित है।
Members of European Parliament visiting Kashmir is an important development at a time when Pakistan is creating a false perception war of violence and curfew in the valley. MEPs can first-hand see ground situation and tell them world about yearning for peace and fight Pak terror.
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) October 28, 2019
इस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी यूरोपियन पैनल से मुलाक़ात की। उन्होंने जम्मू कश्मीर के ताज़ा हालात और इस सम्बन्ध में भारत सरकार द्वारा किए गए प्रयासों से उन्हें अवगत कराया। पैनल ने कुछ कश्मीरी पत्रकारों और सम्पादकों के अलावा अन्य राजनेताओं से भी मुलाक़ात की। हालाँकि, इस सम्बन्ध में कुछ लोगों का ये भी पूछना है कि भारत को यूरोपियन पैनल के दौरे से क्या मिलेगा? उधर पाकिस्तान ने भी हाल ही में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाक अधिकृत कश्मीर का दौरा करा कर दिखाया था कि कैसे ‘भारतीय सेना की कार्रवाई से नुकसान हुआ है।’
PM @narendramodi said that India’s relationship with the EU is based on shared interests and common commitment to democratic values. He said that an early conclusion of a fair and balanced BTIA is a priority for the government. pic.twitter.com/o8QzKL4afY
— Prasar Bharati News Services (@PBNS_India) October 28, 2019
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद से भारत लगातार अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह समझाने में लगा है कि इससे कश्मीरियों को फायदा होगा। यही कारण है कि सभी वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान अलग-थलग नज़र आया। अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा परिषद से लेकर एफएटीएफ तक, पाकिस्तान को हर जगह निराश होना पड़ा। यहाँ तक कि अमेरिका में वहाँ के राष्ट्रपति के सामने जब पीएम मोदी ने अनुच्छेद 370 का जिक्र किया तो 60,000 लोगों ने इस क़दम का ताली बजा कर स्वागत किया। ट्रम्प ने इमरान ख़ान के साथ बातचीत के दौरान इसका जिक्र किया।