‘किसानों की तरह बलिदान देने के लिए तैयार रहें’: फारूक अब्दुल्ला ने 370 की वापसी के लिए लोगों को भड़काया, कहा – पर्यटन बढ़ना सब कुछ नहीं

फारूक अब्दुल्ला ( फ़ाइल फोटो )

मोदी सरकार ने जब से तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया है तभी से जम्मू-कश्मीर के नेताओं को अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए आशा की एक किरण नजर आने लगी है। कृषि कानून की वापसी के बाद जिस तरह से कश्मीरी नेता बयान देते हैं, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि इन नेताओं को यह लगने लगा है कि वो भी एक दिन 370 को फिर से बहाल करवा लेंगे। इसी क्रम में रविवार (5 दिसंबर 2021) को नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि जिस तरह से 700 किसानों के बलिदान के बाद केंद्र को कृषि कानूनों को निरस्त करना पड़ा है, उसी तरह से केंद्र द्वारा छीने गए अपने अधिकारों को वापस पाने के लिए हमें भी ‘बलिदान देने’ के लिए तैयार रहना पड़ेगा।

फारूक अब्दुल्ला ने हजरतबल में अपने अब्बू शेख अब्दुल्ला की पुण्यतिथि के मौके पर अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हर नेता और कार्यकर्ता को गाँव और इलाके के लोगों के संपर्क में रहना होगा। उन्होंने कहा कि ये याद रखना चाहिए कि हमने राज्य को अनुच्छेद 370 और 35A देने का वादा किया है और इसके लिए हम कोई भी बलिदान देने के लिए तैयार हैं।

इसके साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में पर्यटन बढ़ने के बयान पर बिना नाम लिए अब्दुल्ला ने कहा कि ‘क्या पर्यटन बढ़ना ही सबकुछ’ है। आपने 50,000 नौकरियों का जो वादा किया था उसका क्या? अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर ये भी आरोप लगाया कि जो लोग नौकरियों पर थे उन्हें बर्खास्त कर दिया गया।

नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता ने सरकार पर मीडिया की आवाज को दबाने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर कोई इनके खिलाफ आवाज उठाता है तो ये उसे जेल में बंद कर देते हैं।

महबूबा ने भी अलापा था 370 का राग

इससे पहले 19 नवंबर 2021 को जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान किया था तो पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने केंद्र के फैसले का स्वागत करते हुए इशारों में अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करने की माँग की थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया