हाथरस मामले में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर और उनके कार्यकर्ताओं की भूमिका शुरुआत से ही संदिग्ध बनी हुई है। इसी बीच एक चौंकाने वाली हकीकत सामने आई है कि भीम आर्मी के तीन लोग पीड़िता के घर उनके रिश्तेदार बनकर रहे हैं। जब पुलिस को इसकी भनक लगी तो सब एक-एक कर गायब होने लगे। इनमें एक युवती भी थी।
जागरण की एक रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता की 29 सितंबर की सुबह मौत के बाद भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर सफदरजंग अस्पताल पहुँच गया था और उन्होंने अपने सैकड़ों उपद्रवी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर इस घटना पर जमकर उत्पात मचाया।
प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक ने भी कहा कि पोस्टमॉर्टम हाउस में लड़की के शव को भीम आर्मी के चंद्रशेखर और कॉन्ग्रेस नेता उदित राज ने भीड़ इकट्ठा कर घेर लिया था और लगभग दस घंटे तक रोके रखा। रास्ते में भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने शव छीनने का भी प्रयास किया था।
पीड़िता के अंतिम संस्कार के बाद से ही युवती के परिवार के साथ भीम आर्मी से जुड़ी एक युवती व दो पुरुष रह रहे थे। वे शुरुआत से ही खुद को परिवार का रिश्तेदार बताकर मीडिया को बयान दे रहे थे, जिनके निशाने पर प्रशासन और सरकार ज्यादा रही।
बाहरी लोगों के खुद को रिश्तेदार बताने की बात पर पुलिस को तब संदेह हुआ जब पीड़ित परिवार के सदस्यों को सुरक्षा देने की बात हुई। इसके लिए परिवार में कौन-कौन हैं इसकी जानकारी ली गई। जिससे परिवार में रिश्तेदार बनकर रह रहे लोग चिंतित हो गए।
परिवार के सदस्यों का विवरण निकालने पर बाहर से रह रही एक युवती मंगलवार (अक्टूबर 06, 2020) को घर से चली गई। उसके साथ दो और लोगों के भी जाने की बात सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने बताया कि युवती को लेने मध्य प्रदेश के नंबर की बाइकें आई थीं। यह नंबर जबलपुर का लग रहा है जिस कारण यह शक के घेरे में आ गई। उनका कहना है कि इतनी दूर से आई बाइक शंका पैदा करती है।
हालाँकि, परिवार ने किसी भी दल के लोगों के परिवार में रहने की बात से इंकार किया है। परिवार का कहना है कि उनके समाज के ही कुछ लोग उनके साथ रहने आए थे। विनीत जायसवाल, एसपी हाथरस, का कहना है कि भीम आर्मी के लोग जब पीड़िता से मिलने आए थे, तो एक युवती को वहीं छोड़ गए थे, यह जानकारी खुफिया सूत्रों से मिली थी। पुलिस के अनुसार, वह युवती बार-बार मीडिया के सामने परिवार की सुरक्षा और पलायन की बात कह रही थी।
पुलिस ने जब उनसे उनकी निजी जानकारी माँगने की कोशिश की तो युवती ने कुछ नहीं कहा और इसके बाद वह परिवार के साथ नजर नहीं आई। ध्यान देने की बात यह है कि इस मामले में जातीय संघर्ष कराने की साजिश की जानकारी भी खुफिया तंत्र को मिली थी। एक ऑडियो भी सामने आया है, जिसमें 50 लाख रूपए दिलाने का दबाव सरकार पर बनाने की बात भी दो लोग कर रहे थे।
इंडिया टुडे कर रहा है भीम आर्मी के उपद्रवियों का महिमामंडन
गौरतलब है कि भीम आर्मी पार्टी संस्थापक चंद्रशेखर और 400 से 500 अज्ञात लोगों के खिलाफ महामारी एक्ट और आईपीसी की कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर हाथरस में सीआरपीसी की धारा 144 के उल्लंघन का आरोप है। भीम आर्मी शुरू से ही PFI के साथ मिलकर इस घटना का राजनीतिकरण करने पर तुली हुई है।
वहीं, न्यूज़ चैनल ‘इंडिया टुडे’ भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर का महिमामंडन करने का भी कारनामा कर रही है। पिछले कुछ माह में यह देखा जा रहा है कि यह वही इंडिया टुडे है जो कुछ ही दिनों पहले दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह की मौत में सामने आए ड्रग सिंडिकेट से जुड़े होने की आरोपित रिया चक्रवर्ती को भी ‘क्लीनचिट‘ देते नजर आया था। यही चैनल कभी दाऊद इब्राहिम को ‘पीड़ित’ साबित करना चाहता था।
हाल ही में इंडिया टुडे की पत्रकार का एक ऑडियो भी वायरल हुआ था जिसमें उन्हें हाथरस मामले में पीड़ित परिवार को जबरदस्ती मनचाहा बयान देने के लिए उकसाते हुए भी सुना गया।