हाथरस कांड में प्रवर्तन निदेशालय के हालिया खुलासे के बाद उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने दंगे कराने के लिए PFI को मॉरिशस से मिले 50 करोड़ रुपए की फंडिंग पर कहा है वह किसी भी साजिश को सफल होने नहीं देंगे और न ही किसी को लोगों के भरोसे के साथ खिलवाड़ करने की इजाजत देंगे।
उन्होंने कहा, “हम ऐसे लोगों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करेंगे, जो समाज में विद्वेष पैदा करके विकास को रोकना चाहते हैं।” सीएम बोले कि अब उत्तर प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। आजादी के बाद सिर्फ दो एक्सप्रेसवे बन पाए थे, लेकिन तीन सालों में तीन नए एक्सप्रेसवे बन रहे हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, “जो समाज को जाति, धर्म और क्षेत्र में बाँटते हैं, वह आज भी यही काम कर रहे हैं। उन्हें विकास नहीं दिख रहा। इसलिए वो ये साजिशें रच रहे हैं। उन लोगों को अब पहचानना जरूरी है जो किसी व्यक्ति की मौत पर राजनीति कर रहे हैं।”
People who’ve been dividing the society on the basis of caste, religion & region, are still doing it. They can’t see development, and so they’re hatching new conspiracies. One must recognise those who are doing politics on the death of a person: UP CM Yogi Adityanath#Hathras pic.twitter.com/43uaXkZ6Qj
— ANI UP (@ANINewsUP) October 7, 2020
बता दें कि दिल्ली से हाथरस जाते हुए 4 पीएफआई सदस्यों के पकड़े जाने से इस पूरे मामले ने नया मोड़ ले लिया है। हालाँकि, इनकी गिरफ्तारी से पहले भी फर्जी अक़ॉउंट और सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही सामग्री से अंदाजा लगाया गया था कि इन विरोध प्रदर्शनों में किसी साजिश की बू है। मगर, सोमवार रात को जब 4 PFI सदस्य गिरफ्तार हुए, तो अगले ही दिन कट्टरपंथी संगठन को हुई 50 करोड़ रुपए की फंडिंग की बात सामने आ गई। बताया जा रहा है कि कुल फंडिंग 100 करोड़ रुपए से अधिक की है। फिलहाल इस मामले की जाँच जारी है।
ईडी के एक अधिकारी के मुताबिक, हाथरस की पुलिस ने एक वेबसाइट को लेकर केस दर्ज किया है। इसके बाद एजेंसी इसमें जाँच का एंगल देखेगी। इस वेबसाइट के जरिए ‘जस्टिस फॉर हाथरस’ के लिए मुहिम चलाई गई और वेबसाइट में फर्जी आईडी के जरिए हजारों लोग जोड़े गए।
इसमें देश और प्रदेश में दंगे कराने और दंगों के बाद बचने का तरीका बताया गया। इसके अतिरिक्त यहाँ मदद के बहाने दंगों के लिए फंडिंग की जा रही थी। जाँच एजेंसी को फंडिंग के जरिए अफवाहें फैलाने के लिए सोशल मीडिया के दुरूपयोग के भी सुराग मिले हैं जिनसे मालूम चलता है कि सोशल मीडिया से अफवाहों को फैला कर प्रदेश और देश की शांति व्यवस्था को बिगाड़ने की साजिश रची जा रही थी।
बता दें कि अभी तक जो 4 पीएफआई सदस्य अरेस्ट हुए हैं, उनकी पहचान उर रहमान ,सिद्दीकी, मसूद अहमद व आलम के रूप में हुई है। इनमें से मसूद जामिया का छात्र है।