‘कहीं मत जाना, अब प्रियंका गाँधी आएँगी’: हाथरस केस में कुछ और ऑडियो आए सामने, ₹25 लाख पर भी बात

प्रियंका गाँधी और राहुल गाँधी

हाथरस मामले में लीक हुई ऑडियो ने मीडिया और कई राजनेताओं की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हर कोई इस केस के बहाने सिर्फ़ अपनी छवि चमकाने में जुटा है। इससे पहले हमने इंडिया टुडे की पत्रकार तनुश्री पांडे और मृतका के भाई संदीप के बीच बातचीत की लीक ऑडियो पर रिपोर्ट की थी। अब कुछ और ऑडियो सामने आए हैं।

इस ऑडियो में एक अज्ञात व्यक्ति संदीप से बात कर रहा है। वह उनसे कह रहा है कि वो घर से कहीं न जाएँ, क्योंकि कॉन्ग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गाँधी उनके घर आने वाली हैं।

इस बातचीत में व्यक्ति यह भी कहते सुना जा सकता है:

“अगर कोई भी तुम्हें कहीं भी लेकर जाता है, तो तुम्हें कहीं नहीं जाना है, अब प्रियंका गाँधी घर आएँगी। कोई कहता है कि तुम्हें हाथरस जाना है, यहाँ जाना है -वहाँ जाना है, तुम्हें कहीं नहीं जाना है। उन्हें (प्रियंका गाँधी को) बताना है- पुलिस प्रशासन दबाव बना रहा है। मीडिया को आने नहीं दे रहा। रिश्तेदारों को आने नहीं दे रहा । कहना है ये हमारे प्रोटेक्शन में लगा रखे हैं या ठाकुरों के प्रोटेक्शन में। ठीक है, ये सब उनको बताना है।”

बातचीत की शुरुआत में ही संदीप इस व्यक्ति को कहता है कि एसआईटी उनके घर आई हुई और कोई ‘संजय भैया’, संदीप के पिता और दो अन्य लोग कुछ कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ उनके पास बैठे हैं। फिर वह आदमी संदीप से कहता है, “ठीक है, कहीं मत जाना। अब प्रियंका गाँधी आएँगी और उन्हें बताना कि तुम पर दबाव बनाया गया है और तुम इसका वीडियो बनाना चाहते हो।”

इस मामले में एक अन्य बातचीत की रिकॉर्डिंग भी इस बीच सामने आई है। यह ऑडियो किसी ग्रामीण महिला और संदीप के बीच की है। इसमें मृतका के भाई को समझाया जा रहा है कि वह 25 लाख रुपए के मुआवजे पर किसी कीमत पर फैसला न करे और 50 लाख तक के मुआवजे पर निष्कर्ष तक पहुँचे। ऑडियो में सुना जा सकता है कि महिला कहती है कि कुछ राजनेता इस मामले में फैसला न करने के लिए कह रहे हैं। बातचीत के दौरान किसी ‘राहुल’, मनीष सिसोदिया और बरखा दत्त का नाम भी सामने आता है।

गौरतलब है कि मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में हाथरस पीड़िता के दम तोड़ने के बाद से यह पूरा मामला गरमाया हुआ है। दरअसल, मृतका के साथ कथित तौर पर दो हफ्ते पहले बलात्कार हुआ था। इसके बाद उसके साथ घटना के वक्त हुई मारपीट में कई गंभीर चोटें आई और इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। फिर उसके अंतिम संस्कार को लेकर यूपी पुलिस पर सवाल उठे। हालाँकि बाद में यह साफ किया गया कि दाह संस्कार के समय मृतका के पिता वहाँ मौजूद थे। 

एएनआई से बात करते हुए, एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया था कि जिन फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा था, वे भी प्राप्त हो गई हैं। एडीजी ने कहा था कि एफएसएल रिपोर्ट में ‘बलात्कार’ का कोई सबूत नहीं मिला। उन्होंने निष्कर्ष पर बात करते हुए कहा था मृतका पर कोई यौन हमला नहीं हुआ था, और मौत का कारण गला घोंटने और रीढ़ की चोट थी।

बता दें कि एक ओर जहाँ पूरा देश इस मामले पर इंसाफ की गुहार लगा रहा है, वहीं इस केस में अब भी कई पहलुओं से राज उठना बाकी है। मगर कुछ राजनेता इस केस के जरिए अपनी राजनीति करने में जुटे हैं। इसी दौरान सोशल मीडिया पर भी मुख्यधारा मीडिया अपना अजेंडा चलाने के लिए कई झूठ फैला रहा है। एसआईटी को पूरे मामले की जाँच भी सौंप दी गई है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया