‘लालू से CM हेमंत सोरेन की मुलाकात से लोकतंत्र शर्मसार’: पटना में अपनी ही पार्टी के पोस्टर से गायब हुए RJD सुप्रीमो

हेमंत सोरेन से लालू यादव की मुलाकात के खिलाफ उठ रहे आवाज़ (फाइल फोटो)

झारखण्ड में राजद सुप्रीमो लालू यादव के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुलाकात का असर बिहार में दिख रहा है। नीतीश सरकार में मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि इस मुलाकात से लोकतंत्र शर्मसार हुआ है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के महामंडलेश्वर सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव के दरबार के दरबार में मत्था टेकने झारखंड सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन पहुँचे। उन्होंने कहा कि झारखंड सीएम लालू के सामने नतमस्तक हैं।

बता दें कि लालू यादव को रिम्स से निदेशक के बंगले में शिफ्ट किया गया है और हेमंत सोरेन ने बताया है कि उनका स्वास्थ्य पहले से बेहतर है। नीरज कुमार ने आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन लालू के दर पर फ़रियाद लेकर गए थे। जहाँ लालू यादव रुके हुए हैं, वहाँ लगातार नेताओं का जमावड़ा लगा हुआ है और बिहार से टिकट के दावेदार एक-एक कर के पहुँच रहे हैं। उनके बँगले के बाहर खासी चहल-पहल है।

हेमंत सोरेन ने घोषणा की है कि बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी राजद के साथ मिल कर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने बताया कि वो लालू का स्वास्थ्य जानने के लिए आए थे। इससे पहले लालू रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती थे, जहाँ से उन्हें शिफ्ट किया गया। रिम्स में भी हेमंत सोरेन लालू से मिलने पहुँचे थे। उन्होंने चुनाव जीतने के बाद भी लालू यादव का आशीर्वाद लिया था और उनसे शासन चलाने के गुर सीखे थे।

राजद ने इसी बीच पटना में स्थित पार्टी कार्यालय में पोस्टर लगाया है, जिसमें लालू यादव के नदारद होना चर्चा का विषय बन रहा है। विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कभी भी हो सकता है, इससे पहले राजद युवाओं को लुभाने में जुट गया है। ‘नई सोच नया बिहार, युवा सरकार अबकी बार’ नारे के साथ लगाए गए इस पोस्टर में केवल तेजस्वी यादव दिख रहे हैं। इसमें न तो तेजप्रताप और न ही पार्टी के किसी अन्य नेता की तस्वीर है।

जुलाई 2020 में झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया था कि जहाँ एक तरफ मरीजों को RIMS में बेड्स नहीं मिल रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ लालू यादव की सुरक्षा का बहाना बना कर 18 कमरों को बंद कर दिया गया है। उन्होंने पूछा था कि किसकी शह पर ऐसा किया जा रहा है? उन्होंने ध्यान दिलाया था कि अगर एक कमरे में 2 मरीज भी होते तो इन कमरों में लगभग 40 मरीजों का इलाज किया जा सकता है।

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राजनीतिक विश्लेषकों का ये भी कहना है कि रघुवंश प्रसाद सिंह की मौत और उससे पहले दिए गए उनके इस्तीफे के कारण लालू यादव की समाजवादी छवि को नुकसान पहुँच सकता है। जिस तरह से तेजप्रताप यादव ने उनके बारे में कहा था कि समुद्र में से एक लोटा पानी निकल जाने से कुछ नहीं होगा और लालू यादव इमोशनल पत्र लिख कर उनका इस्तीफा ठुकराते रहे, ये विरोधाभास भी जनता के बीच गलत सन्देश लेकर जा सकता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया