कर्नाटक में जेडीएस-कॉन्ग्रेस गठबंधन सरकार का संकट बढ़ता जा रहा है। शनिवार (जुलाई 6, 2019) को सरकार पर यह संकट और गहरा गया है क्योंकि कॉन्ग्रेस के 3 और जेडीएस के 8 विधायक इस्तीफा देने के लिए विधानसभा पहुँच गए हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी फिलहाल अमेरिका के दौरे पर हैं। इस बीच, उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर और राज्य के मंत्री डीके शिवकुमार ने कॉन्ग्रेस के विधायकों और निगम सदस्यों की आपात बैठक बुला ली है।
वैसे, अगर ये 11 विधायक इस्तीफा दे देते हैं, तो कुमारस्वामी सरकार खतरे में पड़ जाएगी और कॉन्ग्रेस-जेडीएस गठबंधन वाली कुमारस्वामी की सरकार गिर सकती है और ऐसे में राज्य में भाजपा के लिए सरकार के गठन का रास्ता साफ हो जाएगा। दरअसल, कर्नाटक में कुल 224 विधानसभा सीटें हैं। बहुमत के लिए 113 विधायक चाहिए। फिलहाल भाजपा के पास 105 विधायक हैं, जबकि कॉन्ग्रेस के पास 80 और जेडीएस के पास 37 विधायक हैं। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और निर्दलीय विधायक भी गठबंधन का समर्थन कर रहे हैं।
इस्तीफे को लेकर कॉन्ग्रेस विधायक रामालिंगा रेड्डी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि वो विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपने आए हैं। रेड्डी ने कहा कि वो अपनी बेटी (कॉन्ग्रेस विधायक सौम्या रेड्डी) के अगले कदम के बारे नहीं जानते। साथ ही उन्होंने कहा कि वो पार्टी में किसी को भी इसका दोष नहीं दे रहे हैं। रेड्डी का कहना है कि उन्हें लगता है कि कुछ मुद्दों पर उनकी उपेक्षा की जा रही है। इसीलिए उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला लिया है।
इस बीच भाजपा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा है कि कर्नाटक की जनता ने कॉन्ग्रेस-जेडीएस गठबंधन को नकार दिया है। लोकसभा चुनावों में दोनों की दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा। इसके बावजूद भाजपा राज्य में भारी बहुमत हासिल करने में सफल रही। भाजपा की प्रचंड जीत राज्य के लोगों के मूड को स्पष्ट तौर पर बता रही है। निश्चित रूप से विपक्ष के विधायक भी गठबंधन के खिलाफ जनता के गुस्से का सामना कर रहे हैं।